साइमन मेरियस
गणितज्ञ – मेडिकल चिकित्सक – खगोलविद
१५७३ – १६२४
साइमन मारिउस उर्फ मायर
उनके जीवन और शोध पर संक्षिप्त सारांश
साइमन मायर (१५७३- १६२४) एक गणितज्ञ, चिकित्सक, खगोल विज्ञानी, कैलेंडर मेकर और स्वयं को फैशन की दुनिया में साइमन मारिउस बुलाने वाले, Ansbach में Margraves के अदालत गणितज्ञ थे | उन्होंने गैलीलियो के साथ Iovian के चार सबसे बड़े चंद्रमाओं की खोज की | साहित्यिक चोरी का आरोप होने के कारण उन्होंने अपने निष्कर्षों का प्रकाशन गैलीलियो के निष्कर्ष प्रकाशित होने के बाद किया | तब तक यह स्थापित चुका था कि मारिउस की खोज गैलीली से स्थापित की गये गलीली चन्द्रमाओं से पूरी तरह स्वतंत्र है और उनकी टिप्पणियों के विवरण अधिक सटीक है | यहां तक कि उनके जीवनकाल में यह स्वीकार किया गया था कि मारिउस ने एंड्रोमेडा आकाशगंगा की खोज पहले दूरबीन से किया था।
जीवनी
जूलियन कैलेंडर के अनुसार मारिउस का जन्म १0 जनवरी १५७३ को Gunzenhausen में हुआ और २६ दिसंबर १६२४ को Ansbach में उनकी मृत्यु हुई | उनके पिता रेइनहार्ड मारिउस लार्ड मेयर थे व उनकी माता का नाम एलिसाबेथ था | सन् १६०६ में उन्होंने नूर्नबर्ग प्रकाशक और मुद्रक Hans Lauer (१५६०-१६४१ ) की बेटी Felicitas Lauer (नामकिि संस्काि ५ मािफ १५९०) से विवाह किया | उनके पाँच बेटे और पांच बेटियाँ थी, जिनमे केवल बेटियां ही बचपन के बाद जीवित रही |
कथित तौर पर साइमन मारिउस की शिक्षा के लिए निर्णायक क्षण तब था जब जर्मनी के शासक जॉर्ज फ्रेडरिक ने मारिउस को एक दिन गाते हुए सुना और उन्हे पसंद किय़ा ,साथ में स्कूल Lords’ School, Heilsbronn में भर्ती होने की व्यवस्था की| जहॉ उन्होंने सन् 1601 तक शिक्षा प्राप्त की और वहॉ सबसे प्रसिद्ध शिष्य बन गये. वे Königsberg में अध्ययन करना चाहते थे, लेकिन वे १६०१ में प्राग(Prag) में टाइको ब्राहे (Tycho Brahe) की यात्रा करने में कामयाब रहे | १६०४ और १६०५ में वह पडुआ(Padua), इटली में "जर्मन छात्र राष्ट्र बोर्ड” के सदस्य थे| १६०६ से १६२४ अपनी मृत्यु तक(Gregorian calendar के अनुसार ५ जनवरी १६२४) वे Ansbach में अदालत गणितज्ञ थे |
अनुसंधान
सन् १५९४ में मारिउस ने मौसम संबंधी रिकॉर्ड बनाना शुरू किया | सन् १६०१-१६२६ तक उन्होंने अपना वार्षिक कैलेंडर Prognosticon astrologicum को प्रकाशित किया. उन्होंने Ansbach में Elementorum Euclidis की पहले छह पुस्तकोंका अनुवाद और प्रकाशन द्वारा गणित में अपनी उत्कृष्टता साबित की | बहुमुखी पर्यवेक्षक होने के कारण दूरबीन के आविष्कार से पहले १५९६ में धूमकेतु के निष्कर्ष को प्रकाशित किया और १६०४ में सुपरनोवा की स्थिति नक्षत्र Ophiuchus में हॊने को सिदृ किया | सन् १६०९ में उनके पास बेल्जियम निर्मित दूरबीन निपटारे के लिए थी, पर उनके गुरु जोहानिस फिलिप फुख के कारण उन्होंने इसकी सहायता से जूपिटर के चार बडे चंद्रमाओ की खोज की |उनके खुद के रिकॉर्ड जो जूलियन कैलेंडर में २९ दिसंबर में दिये गयें हैं, जिसके अगले दिन गैलिलियो ने इसे खोजा, जिसका उल्लेख ग्रेगोरियन कैलेंडर में हैं| सबसे पहले उन्होंने ईस खोज की सूचना अपने 1612 prognosticon के रिपोर्ट में दी थी ।
मारिउस ने १६१४ में उनके वैज्ञानिक परिणाम उनकी पुस्तक Mundus Iovialis में प्रकाशित किये, जिसके तुरंत बाद उनके एक प्रसिद्ध इटालियन प्रतिद्वंद्वी ने १६२३ में अपने प्रकाशन Saggiatore में मारिउस पर साहित्यिक चोरी का आरोप लगाया| मार्च १६१० में गैलिलियो ने अपने निष्कर्षों को Sidereus Nuncius (The Starry Messenger) में प्रकाशित कर अपना स्थान सुरक्षित कर लिया था| हालांकि मारिउस ने कई ऎसे विवरणों का उल्लेख किया, जिनका उल्लेख गैलिलियो ने नहीं किया था! उन्होंने देखा कि बृहस्पति के चंद्रमाओं का कक्षीय तल दोनों बृहस्पति इक्वेटोरियल और क्रांतिवृत्त के सापेक्ष थोड़ा झुका हुआ है, जिसकी सहायता उन्होंने अक्षांश में विसंगतियों को समझाया| सन् १६०८ से १६३० तक मारिउस ने चांद की चमक में परिवर्तन और उससे संबंधित तालिकाओं की गणना कर रखी थी |
सन् १६११ में लिखे एक पत्र में उन्होंने वीनस से जुडी टिप्पणियों का उल्लेख किया है, और अगस्त १६११ से सूर्य धब्बे देखते रहे और उसी वर्ष नवंबर में उन्होंने यह साबित किया कि इसलिये भूमध्य सम करना का सूरज की धुरी क्रांतिवृत्त के सापेक्ष झुकी हुई है | १६१९ में उन्होंने सुझाव दिया कि सूर्य धब्बे की उपस्थिति अवधिनुसार हैं | दिसंबर १६१२ में एंड्रोमेडा आकाशगंगा का उल्लेख करने वाले वे पहले यूरोपीय थे (उस वस्तु की वास्तविक प्रकृति ज्ञात न होने के कारण उसे "निहारिका“ कहा गया) और १६१८ में उन्होंने तीन धूमकेतुओं मे से तीसरे और सबसे बड़े धूमकेतु का अनुष्ठान किया| हालांकि मारिउस १७ वीं सदी में सबसे महत्वपूर्ण खगोलीय खोजों के अधीन थे, उन्होंने सूर्य केन्द्रित दुनिया की तस्वीर का विरोध किया और Tychonic को अधिक पसंद किया | बाद में उन्होंने दावा किया कि १५९५–१५९६ की सदि॔यों मे वे स्वतंत्र रूप से ब्राहे आए थे |२० वीं सदी की शुरुआत में यह साबित हो गया था कि मारिउस के अनुसंधान का आयोजन पूरी तरह स्वतंत्र रूप से किया गया था और यहां तक कि उनके प्रथम रिकॉर्ड गैलीलियो के आधुनिक रिकॉर्ड के करीब थे|
सम्मान
सन् १६१२ में मारिउस को Gunzenhausen शहर में चांदी के कप से सम्मानित किया गया| जूपिटर के चंद्रमाओं के नामकरण की शुरुआत २० वीं सदी हुई थी और वह नामकरण रोमन देवता बृहस्पति की मालकिन और देवताओं के पौराणिक पिता के बाद किया गया था| इसका श्रेय भी मारिउस को जाता है जिन्होंने १६१३ में Ratisbon (Regensburg) में केपलर के सुझाव पर विचार किया| अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने मारिउस को “चंद्रमा पर एक गड्ढा“ संबोधित कर सम्मानित किया| साल 2014 में, क्षुद्रग्रह "1980 एसएम " को बाद में आई.ए.यू संस्था के द्वारा “7984 Marius” का नाम दिया गया था।
Gunzenhausen के शहर साइमन मारिअस के बाद स्थानीय उच्च विद्यालय के नाम पर रखा गया और शहर के केंद्र में उसके लिए एक स्मारक पट्टिका है। Ansbach में Onoldia के सम्मेलन केंद्र में साइमन-मारिउस-साल नामक एक कक्ष है| सन् १९९१ में लायंस क्लब ने म्यूनिख के कलाकार Friedrich Schelle द्वारा एक स्मारक बनवाया गया जो लिटिल कैसल स्क्वायर पर खड़ा है|कई शहरों मे कई गलियों का नाम मारिउस के नाम पर रखे गए है, जो उन्हें उनके कामो और जीवन से जोडती हैं।